भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा की हे पार्थ आधा युद्ध तो बड़े भैया ने तो पहले ही जीत लिया अब आधा युद्ध तुम्हें अपने पराक्रम से जितना है तब अर्जुन को ज्ञात हुआ की यह रचना भगवान की ही बनाई थी,ऐसी विनम्रता थी युधिष्ठिर मे और अपने ब्यवहार से उन्होने अपने बिरुद्ध लड़ रहे योद्धाओं की केवल सहानुभूति ही नहीं तो विजय का आशीर्वाद भी प्राप्त किया ऐसे थे जेष्ठ कुंतीपुत्र युधिष्ठिर।
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युद्ध क्षेत्र में भी गुरुजनों का आशीर्वाद लेना नहीं भूले--युधिष्ठिर
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