Quantcast
Channel: दीर्घतमा
Viewing all articles
Browse latest Browse all 434

सूफियों (सूफी संत) द्वारा भारत का इस्लामीकरण 2- अजमेर का ''गरीब नवाज''मुइनुद्दीन चिस्ती का सच ----------!

$
0
0
          
              भारत मॆ सूफियों ने इस्लामीकरण के लिए बातावरण बनाने व इस्लामिक देशों हेतु ख़ुफ़िया एजेंसी का कार्य किया, हिन्दू समाज सीधा -सादा होने के कारन जहाँ उसने हिन्दू संतो को देखा था वहीँ इन सूफियों को भी उसी प्रकार आदर सम्मान दिया वे यह नहीं समझ पाए कि जिसे हम संत समझ रहे हैं वह संत नहीं सीधे-सादे हिंदुओं के लिए इस्लामीकरण की मशीन और भारतीय शत्रुओं का ख़ुफ़िया एजेंट है, यहाँ की सारी जानकारी मुस्लिम देशो के शासकों को देना और अवसर पाकर हमलों हेतु आमंत्रित करना वास्तव में सूफियों का एक मात्र यही उद्देश्य था.
         भारत में सर्बाधिक प्रसिद्द सूफी मुइनुद्दीन चिस्ती ही है जिसे 'गरीब नवाज'यानी गरीबो पर कृपा करने वाला यानी उन्हें मुसलमान बनाने वाला, मुर्ख हिन्दू इसे धर्मनिरपेक्षता की साक्षात् मूर्ति समझता, कहते हैं लाखों की संख्या में अधिकांश हिन्दू यहाँ पर आते हैं मजार पर दर्शन कर लाखों-करोणों रूपया दान करते हैं, यह बहुत कम लोग जानते हैं की इस ब्यक्ति ने भारत के इस्लामीकरण और पृथ्बीराज पर आक्रमण में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आज अपनी मृत्यु के ८०० वर्ष बीत जाने के पश्चात् भी यह क्रम जारी है, वास्तविकता यह है की अजमेर में कोई सूफी संत आकर बसे थे जिससे इस प्रदेश को मुसलमान बनाया जा सके स्थानीय हिन्दुओं ने उसे मार डाला, ख्वाजा जब हज करने गए तो वहां उन्हें यह बात बताई गयी, उस धर्मान्तरण के कार्य को पूरा करने हेतु वह अजमेर आकर बस गया, धर्मनिष्ठ ब्राह्मणों के बिरोध करने पर मुस्लिम शासको द्वारा प्राप्त धन से खरीद लिया और कुछ को मुसलमान बना लिया, ख्वाजा ने पृथ्बीराज चौहान से बहुत सुबिधा की माग की लेकिन चौहान ने तिरस्कार पूर्बक उसे मना कर दिया ख्वाजा गजनी जाकर तत्कालीन सुल्तान सहाबुद्दीन गोरी को परिस्थितियां अनुकूल बताकर भारत पर आक्रमण के लिए आमंत्रित किया सहाबुद्दीन ने भारत पर अनेक आक्रमण किया परास्त होता और माफ़ी मागता छुट जाता, किन्तु शत्रु  'चिस्ती'तो घर में बैठा था वह सारा सुराग गोरी को देता था पुनः आक्रमण हुआ प्रिथ्बिराज पराजित हो गए.
          हिन्दुओ और हिन्दू धर्म के ऐसे कट्टर शत्रु किस प्रकार वास्तविक ध्येय छुपाकर अपनी सेकुलर नीति का भ्रम अन्धविस्वासी हिन्दुओ में उत्पन्न किया होगा, जो चन्दन का लेप वहां भेज जाता है वह अजयपाल योगी के लिए जाता था कहते हैं जिसे इसने मरवा दिया क्यों की इस्लाम में चन्दन का कोई कृत्य नहीं होता ! इस सूफी की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए मुग़ल सम्राट अकबर भी वहां गया और आज हिन्दुओं के तमाम राजनेता जाते हैं, ''सम्पूर्ण भारत इस्लाम और शरियत से अनिभिज्ञ था किसी को अल्लाह और पैगम्बर का पता नहीं था, किसी ने काबा के दर्शन नहीं किया थे, किसी को अल्लाह के महानता का ज्ञान नहीं था''ख्वाजा के आने के पश्चात् ''उसकी तलवार के कारन इस कुफ्र की भूमि में मूर्तियाँ और मंदिरों के स्थान पर मस्जिद, मखतब और मजार बन गए, जिस भूमि पर मूर्तियों का गुण-गान होता था वहां 'नारा-ऐ तकबीर अल्ला हो अकबर'सुनाई देता है''सचमुच भारत के इस्लामीकरण में गरीब नवाज मुइनुद्दीन चिस्ती का महत्व मोहम्मद्बिन काशिम, महमूद गजनवी, मुहम्मद गोरी, अथवा किसी खिलजी, बाबर, औरंगजेब से कम नहीं था और यही उसकी महानता है.       
         आज फुलवारी सरीफ पटना, राजगिरी मे मकदुम साह (सूफी संत) कुण्ड जो हिन्दू कुंड था, उदँतपुर को बिहार शरीफ बनाने वालो द्वारा इस्लामीकरण इसके उदहारण मौजूद ही नहीं तो प्रत्येक्ष प्रमाण वहां दिखाई देता है, संत के वेश मे भारत व हिन्दू बिरोधी कृत्य, भारतीय संस्कृति की जितनी हानी सूफियों द्वारा हुई उतना शायद किसी से नहीं।
सूबेदार जी
मुजफ्फरपुर 
   

Viewing all articles
Browse latest Browse all 434

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>