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Channel: दीर्घतमा
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होता जनसंख्या का असुतंलन और कटता-बटता भारत --------------!

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              कभी हमारी सीमाएं सिंध पार से ब्रह्मदेश तक थीं जनसंख्या असंतुलन के कारण सीमाए सिकुड़ती जा रही है, ७१२ सन मे मुहम्मद्बिन कासिम  क़ा भारत पर हमला हुआ महाराजा दाहिर ने सफलता पुर्बक मुकबला किया कुछ कारणों से पराजय क़ा मुख देखना पड़ा जिसका परिणाम हम आज तक भुगत रहे है ४०० वर्ष मतान्तरण परिणाम १०७६ में अफगानिस्तान के रूप में एक मुस्लिम देश बना, 1947 में २४ प्रतिशत
मुसलमानों ने ३० प्रतिशत जमीन ली फिर भी भारत ९ प्रतिशत मुसलमान योजना बद्ध बढ गए जो आज १३.४ प्रतिशत हो गए है.
     घुसपैठ---------
     भारत में मुस्लिम जनसँख्या बृद्धि क़ा बहुत बड़ा कारण घुसपैठ है, यह किसी
काफ़िर देश में मुस्लिम संख्या बढ़ाने क़ा एक हथियार है आज पूरा यूरोप आब्रजन
से परेसान है तो हमारा देश भी इस समस्या से अछूता नही है बंगलादेश से हो रही
घुसपैठ  राष्ट्र के लिए चुनौती बनकर खड़ा है असम के एक पूर्ब राज्यपाल कि
रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन ७ हज़ार घुसपैठिये भारत में प्रबेश करते है इस कारण
सीमावर्ती जिले तेजी से मुस्लिम बहुल हो जा रहे है पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी
ISI तथा बंगलादेश की सरकार संयुक्त रूप से 'ग्रेटर बंगलादेश'नमक योजना पर
लम्बे समय से काम कर रहे है परिणाम स्वरुप बंगलादेश की सीमा से लगे हुए असं के
११,प.बंगाल के ९,बिहार के ६ तथा झारखण्ड के ३ जिले मुस्लिम बहुल हो गाये
है,प.बंगाल के ३८००० गावो में से ८०० गाव पूर्ण तय हिन्दू बिहीन हो गाये है ये
घुसपैठिये स्थानीय मुसलमानों से मिलकर हिन्दूप को भागने में सहयोग करते है,
प.बंगाल के १० लोकसभा सीट यानि ७० बिधान सभा क्षेत्रो की स्थित मुसलमान
निर्णायक बन गया है,२४ परगना में मुसलमानों की संख्या ५४प्रतिशात, नदिया ४८
प्रतिशत,मुर्शिदाबाद ५२, मालदा ५४, प.दीनापुर के इस्लामी तहसील में ६० प्रतिशत
हो गयी है कमोवेश यही स्थित बिहार की भी है.
         अल्जीरिया के राष्ट्रपति बोमेरियां ने एक बार कहा था कि 'हमारी औरतो
के गर्भ ही हमें विजय दिलायेगे'इसी स्प्द्धंत पर आज का मुसलमान काम कर रहा
है, बंगलादेश से आने वाले घुसपैठिये अधिकाधिक बच्चे पैदा करना और अवादी बढ़ाना,
बंगलादेश से हो रही इस अबैध आब्रजन से केवल बंगाल, असम व बिहार ही नहीं
पुर्बोत्तर और दुसरे राज्य भी त्रिपुरा, मानिपुर भी पीड़ित है,असम में पहली बार
जनगणना १८७१ में हुई उस समय वह कि हिन्दू आबादी ९४.५% थी तथा मुस्लिम आबादी
मात्र ५ % थी असम में २००१ की जनगणना  के अनुसार हिन्दू आबादी घटकर मात्र
६४.४०% तथा मुस्लिम आबादी बढकर ३३% हो गयी है.
  चिकेन नेक--------
       सिलिगुड़ि गलियारा जो पुर्बोत्तर को शेष भारत को जोड़ता है यह भिभाग
सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्यों की इसी के साथ बंगलादेश की ४२४ की.मी.,
नेपाल की १४९कि.मी. तथा भूटान की २०२किमि. सीमा जुडती है इस घुसपैठ के कारन इस
गलियारे के बिभिन्न इलाके में मुस्लिम संख्या तेजी से बढ़ी है, मस्जिद, मदरसों
की बढ़ सी आ गयी है, गृह मंत्रालय आज से दस वर्ष पूर्व की प्रकाशित रिपोर्ट के
अनुसार बंग्लादेश से सटे भारतीय इलाको में १३१४ मस्जिदे व मदरसे संचालित किये
जा रहे है, जिसके लिए दुनिया भर के इस्लामिक देशो से आर्थिक सहायत आती है.
       राष्ट्रीय नेताओ की घुसपैठ सम्बन्धी स्वीकारोक्ति _______         

१-  जनरल यस.के. सिन्हा [पूर्व राज्यपाल असम ] ---राष्ट्रपति को पत्र लिखकर
एक रिपोर्ट में कहा की घुसपैठ के कारन असमिया लोग अल्पमत हो गए है .
 २- अजय सिंह [पूर्व राज्यपाल असम ]-----हर दिन असम में बंगला देश की सीमा
से सात हज़ार लोग घुसपैठ करते है.
 ३- १९९७ के तत्कालीन गृहमंत्री इन्द्रजीत गुप्ता ६मय को दिए गाये एक बयान
में कहा की भारत में एक करोण बंगलादेशी है.
 ४- असम के मुख्यमंत्री हितेस्वर सैकिया ने १९९२ म२ स्वीकार किया था की असम
में ३० लाख घुसपैठिया है.

 ५- पूर्व गृहमंत्री p .m .शयीद ने भी बंगला देशी घुसपैठ की बात स्वीकार
किया था.
              भारत की राजनीति पर प्रभाव------------
              आज असम, बंगाल, बिहार व झारखण्ड के सीमावर्ती क्षेत्रो में अबैध
घुस आये बंगलादेशियो ने मतदाता सूचि में अपना नाम दर्ज करा लिया है प.बंगाल की
७० और पुर्बोत्तर की 80 सीटों को ये प्रभावित करते है, असम के १२६ में से ४६
सीटो पर ये निर्णायक भूमिका में है.घुसपैठ के कारन असम की ८२ लाख हेक्टेयर
भूमि इनके कब्जे में है. ये गोमांस की तस्करी, अबैध हथियार ,जली नोटों का
ब्यापार,मादक व नशीले पदार्थो की तस्करी, देह ब्यापार,सिक्को की तस्करी कर
भारत को कमजोर कर रहे है. सिर्फ चिकन नेक पट्टी पर बिगत कुछ वर्षो में १८००
मदरसे खुले है, १९९१ में बंगला देश के एक अख़बार द मार्निंग ढाका ने एक
रिपोर्ट में छपा की बन्ह्लादेश से एक करोण लोग लापता हो गए है.यानि १९८१ से
१९९१ त१क एक करोण लोग भारत घुस गए.
        बंगाल की मुस्लिम आबादी-----------[२००१ की जनगणना ]

१- मुर्शिदाबाद ---- 63%, २- मालदा--49.७०%, ३-- द. व u. दीनापुर -- 38.४%,
४--द. चौबीस परगना ---- ३३.२%, ५--u. चौबीस परगना -- २४.२% तथा नदिया में 25.४१% हो गयी है.
        असम में मुस्लिम आबादी [२००१ जनगणना]-------

 १- धुबटी ----------७४.३%, २- ग्वालपाड़ा------५३.६%,   ३- हेलाकड़ी -----५७.६%, ४- करीम गंज------५२.३% , ५--- कघर---- ३६%, ६-- नवग्व----- ५१%,    ७-- मलिगव---- ४७.६%, ८- बर्पेथा-----५५.४१%, ९ -दरांग----- ३५.६७%.-----२००१ की जनगणना के अनुसार प.बंगाल की मुस्लिम संख्या २८% थी व असम में ३१% हो चुकी है, बर्तमान में एक अनुमान के अनुसार भारत में ३.५ करोण बंगलादेशी घुसपैठिये है,  २००० में एक रिपोर्ट के अनुसार केवल दिल्ली में १३ लाख बंगलादेशी है. तीब्र मुस्लिम जनसँख्या बृद्धि परिणाम स्वरुप इस्लाम के आगमन से आज तक भारत की सीमा लगातार सिकुड़ती जा रही है.
          १३७८  में----इरान भारत से अलग हुआ
         १७६१ में ----अफगानिस्तान
          १९४७ में ----पाकिस्तान
           १९४८ में ---आधा कश्मीर
          १९५२ में----- आजाद कश्मीर
     मो. अली जिन्ना ने कहा था भारत के बिभाजन का बिज तो उसी दिन pad गया था
जिस दिन यहाँ पहला हिन्दू मुसलमान बना था .
                     मदरसों व मस्जिदों की बढती तादात----
        सीमा प्रबंधन पर केंद्रीय गृह मंत्रालय कार्यदल कि एक रिपोर्ट भारत
बंगलादेश तथा नेपाल भारत की सीमा पर हो रहे जनसँख्या असंतुलन पर चिंता जताई
गयी थी कहा गया था की हाल में बिहार व बंगाल में मस्जिद व मदरसों की संख्या
अप्रत्यासित रूप से बढ़ी है, देश में २००४ में पंजीकृत १००० मदरसे थे जबकि
मस्जिदों में एक लाख से अधिक मदरसे चल रहे थे,२००२ में तत्कालीन गृहमंत्री
विद्यासागर राव ने कहा था मस्जिदों में चल रहे मदरसों पर नज़र रखी जाये तथा इन
मदरसों को पंजीकृत करने में सावधानी बर्ती जाय उनके द्वरा कराये अध्ययन के
अनुसार देश के १२ सीमांत प्रदेशो में ११४५३ मदरसे आईएसआई के जरिये चलाये जा रहे
है . 

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