"सरना"पूजा स्थल, धर्म "सनातन"है
नदीय संस्कृतिभारतीय संस्कृति के बारे में कहा जाता है कि हमारी संस्कृति नदीय संस्कृति है, हमारे ऋषियों ने नदियों के किनारे बैठ कर"तपस्या"यानी शोध कार्य किया कि मनुष्य को क्या करना क्या नहीं करना क्या...
View Articleइस्लाम का खलीफाई संघर्ष
इस्लाम का खलीफाई संघर्षमर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा कियाअरब इस्लाम की जन्मभूमि और इस्लामिक आतंकवाद की भी भूमि है इस्लामिक देशों की इजरायल का युद्ध क्या है यह तो सभी को पता है। जिस दिन यहूदियों ने...
View Articleचेरों राजवंश "पलामू"के बारहवें राजा चित्रजीत राय
राजा चित्रजीत राय पलामू राज्य के बारहवें राजा थे और जयनाथ सिंह उनके दीवान थे, कभी हार न मानने वाले स्वतंत्रता प्रेमी और चेरों जनजातीय में बहुत ही लोकप्रिय थे, जनता का भी ऐसा उनके प्रति सम्मान था कि दर...
View Articleचक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य
सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ?सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य भारतीय साम्राज्य का प्रथम संस्थापक था, वह मौरिय गणराज्य का राजकुमार था। बौद्ध साहित्य में इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण स्थान महावंश का है उसमें लिखा...
View Articleअमर बलिदानी क्रांतिकारी सिद्धो-कान्हू
स्वतंत्रता का स्वभावभारतीय संस्कृति में छोटा-बड़ा, ऊँच-नीच के लिए कोई स्थान नहीं है, डॉ भीमराव अंबेडकर ने शूद्रों की खोज नामक पुस्तक में लिखा है कि वेदों में वर्ण व्यवस्था का वर्णन है और मनुस्मृति भी...
View Articleअमर क्रांतिवीर स्वतंत्रता सेनानी नीलांबर-पीतांबर
स्वतंत्रता की आवाज1857 को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहना कहीं अतिसंयोक्ति तो नहीं है! क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता का युद्ध तो राजा दाहिर की पराजय से शुरू हो गया था, भारत के अधिकांश राजाओं ने अपने...
View Articleस्वतंत्रता के सतत योद्धा "हो जनजाति"वीर घासीसिंह
"हो"वीर "घासी सिंह"जैसा कि हमनें पिछले कुछ जनजाति क्रांतिकारियों के बारे मैं लिखा है कि जनजातियां स्वभाव से स्वतंत्रता प्रेमी होते हैं उन्होंने अपने धर्म और संस्कृति की सुरक्षा हेतु वनों में रहना...
View Articleधर्म रक्षक संत सूरदास जी
सार-सार सूरा कही, तुलसी कही अनीठी। रही सही कबीरा कही, और कही सब झूठी।। भारतीय सांस्कृतिक विरासत के महान संत सूरदासभारतीय संस्कृति, भारतीय परंपरा एक अनूठी परंपरा है, कभी कभी लगता है कि क्या यह संस्कृति...
View Articleविश्व के इतिहास का इकलौता पन्ना थी "हाड़ी रानी "
हमने सुनी कहानी थी--"हाड़ी-रानी"रूपनगर राजकुमारी का राणा राजसिंह को पत्रसिसोदिया कुलभूषण, क्षत्रिय शिरोमणि महाराणा राजसिंह को रूपनगर की राजकुमारी का प्रणाम। महाराज को विदित हो कि मुगल औरंगजेब ने मुझसे...
View Articleधरा के प्रथम कवि ''महर्षि वाल्मीकि''
धरा के प्रथम कबिमहर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण पढ़ने के पश्चात बाल्मीकी का जीवन दर्शन को समझा जा सकता है कि वे कितने दूरदर्शी थे, उन्हें आदि कबि भी कहा जाता है और यह सत्य भी समझ में आता है। वेदों...
View Articleभारतीय राजनीति के उदगाता आचार्य विष्णुगुप्त (चाणक्य)--!
माँ भारती के चैतन्य पुत्र चाणक्यमहात्मा बुद्ध ईसापूर्व 1000 माना जाता है इसका अर्थ यह है कि आज के 3000 वर्षपहले महात्मा बुद्ध का काल था। बुद्ध के लगभग 500 वर्ष बाद यानी 500 ईसापूर्व आदि शंकराचार्य और...
View Articleआचार्य कुमारिल भट्ट और राजा सुधन्वा
कुमारिल कर्णाट देश मेंबौद्धों को पराजित कर राष्ट्रवाद का बीजारोपण करने सम्पूर्ण भारतीय वांग्मय का मूल स्रोत एक ही है और वह श्रुति यानी वेद है अब कुमारिल उत्तर भारत से दक्षिण दिशा की ओर बढ़ रहे हैं...
View Articleसांस्कृतिक राष्ट्र को राजनैतिक भारत के उदगाता आचार्य विष्णुगुप्त (चाणक्य)--!
माँ भारती के चैतन्य पुत्र चाणक्यमहात्मा बुद्ध का जन्म ईसापूर्व 1000 माना जाता है इसका अर्थ यह है कि आज के 3000 वर्ष पहले महात्मा बुद्ध का काल था। बुद्ध के लगभग 500 वर्ष बाद यानी 500 ईसापूर्व आदि...
View Articleविभाजन की विभीषिका कोलकाता नरसंहार और गांधी, नेहरू की चुप्पी ( ''डायरेक्ट...
बद्र की जंग का ऐलानमुस्लिम लीग के नेता सुहरावर्दी बंगाल का मुख्यमंत्री था केंद्र में कांग्रेस और मुस्लिम लीग की साझा सरकार थी। रमजान का महीना चल रहा था, देश के अंदर मुहम्मद अली जिन्ना ने मुस्लिम लीग को...
View Articleविभाजन की विभीषिका, नगरनौसा (बिहार) नरसंहार और नेहरू (1946)
जिन्ना ने डायरेक्ट एक्शन की घोषणा जिन्ना ने डायरेक्ट एक्सन की घोषणा की 16 अगस्त 1946 को पूरे देश में माहौल खराब होने लगा, देश की मस्जिदों में मुसलमानों का आह्वान करते हुए मुल्ला मौलवियों ने विभिन्न...
View Articleअपराजेय सेना नायक बाजीराव पेशवा तृतीय
अपराजेय नायक : पेशवा बाजीराव"यह लेख बजीराव के जीवन पर उनके जन्म दिन 10 अगस्त के अवसर पर लिखा गया है कुछ कारणों से प्रकाशित करने में विलम्ब हुआ है इसके लिए खेद है।"छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने भुजबल...
View Articleआचार्य कुमारिल की आत्मा
कुमारिल का समय कुमारिल शंकराचार्य जी के समकालीन हैं इसका मतलब है कि कोई 2500 वर्ष पूर्व कुमारिल का जन्म हुआ था, वह एक ऐसा काल था कि भारतवर्ष के अंदर सनातन वैदिक धर्म का ह्रास होता दिख रहा था और बौद्ध...
View Articleभारतीय राष्ट्र और मेवाड़
भारतीय सत्ता का केंद्रपूर्व पीठिका-सेकुलर जिहादपिछले हजार वर्षों से भारतीय दिलों यानी राष्ट्र पर भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक मेवाड़ वंश का शासन रहा है, सेकुलर व वामपंथी विचारधारा के इतिहासकारों ने...
View Articleजनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों का स्वत्व
भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम 1857 में नहीं शुरु हुआ बल्कि 1771 में तिलका मांझी ने शुरु किया था। यह हूल विद्रोह था। बाद में 1855 में "सिदो-कान्हू"ने संथाल विद्रोह यानी स्वतंत्रता संग्राम को आगे...
View Articleजनजाति मूलतः वैदिक सनातन धर्मी
जनजाति अवधारणाबिहार में अंग्रेजों की योजना अनुसार चर्च ने अपने हाथों को मजबूत बनाने का काम करती रही है, धीरे-धीरे वनवासी समाज को चर्च, मिशनरियों की करतूतें समझ में आने लगी थी। चर्च की राष्ट्रविरोधी...
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