भारतवर्ष की आत्मा
राष्ट्र की आत्माजब हम भारत और भारतीय राष्ट्र के बारे में विचार करते हैं तो यह ध्यान में आता है कि यह राष्ट्र हजारों लाखों वर्ष ही नहीं तो करोङो वर्ष पुराना है। हमारा देश हमारा राष्ट्र वैदिक कालीन...
View Articleगाँधी वध, नेहरू की साजिश (गाधी विचारों की हत्या) और ब्राह्मणों का संहार
गाँधी बध के पश्चात गांधी के विचारों की हत्यानाथूराम गोडसे ने तो गांधी जी की हत्या की थी लेकिन गाँधी के अनुयायियों ने गांधी जी के विचारों की हत्या कर दिया। गांधी हत्या के बाद देश दो भागों में वट गया...
View Articleसमाजवाद और भारत पर उसका प्रभाव--!
समाजवादी और भारतविश्व के अंदर बहुत सारे देश समाजवादी देश हैं जिसमें सोवियत रूस, जर्मनी, चीन इत्यादि। विश्व में मानवता परक जो विचारधारा है उसे सनातन धर्म, हिंदुत्व अथवा मानवतावादी विचार कह सकते हैं। इस...
View Articleजम्मू&कश्मीर के जन नायक महाराजा हरि सिंह
महाराजा हरि सिंह की जम्मू वापसी---!हरि सिंह और नेहरूराष्ट्रवाद का अंतिम संघर्ष जारी था एक ओर महाराजा हरि सिंह राष्ट्रवाद के प्रहरी बनकर खड़े थे दूसरी ओर जवाहरलाल नेहरू व्यक्तिवाद अथवा राष्ट्र के विरोध...
View Articleगाँधी वध, नेहरू की साजिश (गाधी विचारों की हत्या) और ब्राह्मणों का संहार
गाँधी बध के पश्चात गांधी के विचारों की हत्यानाथूराम गोडसे ने तो गांधी जी की हत्या की थी लेकिन गाँधी के अनुयायियों ने गांधी जी के विचारों की हत्या कर दिया। गांधी हत्या के बाद देश दो भागों में वट गया...
View Articleमनुस्मृति की नारी "महारानी नाग्निका सातकर्णी"
शुंग राजवंश के बाद, महारानी नाग्निका सातकर्णीविश्व की पहली साम्राज्ञी, सातवाहन ब्राह्मण वंश की महारानी नाग्निका सातकर्णी भारत ही नहीं अपितु पुरे विश्व की पहली साम्राज्ञी शासिका बनी थी सातकर्णि की...
View Articleनेताजी सुभाषचंद्र बोस--- यदि वापस आते तो--!
यदि सुभाष वापस आते तो--!नेताजी सुभाषचंद्र बोस की लोकप्रियता दिन-दूनी रात-चौगुनी बढ़ रही थी नेताजी निरपेक्ष भाव से राष्ट्र हित में निर्णय ले रहे थे गाँधीवादी बहुत परेशान थे उन्हें लग रहा था कि...
View Articleमहाराजा हरि सिंह जम्मू
"महाराजा हरिसिंह"महाराजा हरिसिंह महान देशभक्त और राष्ट्रवादी थे, 1930 में गोलमेज सम्मेलन से वापस आने के बाद उन्होंने सामाजिक संरचना को ठीक करने का काम किया। वैसे उनका जीवन बहुत ही सामान्य था वे आम...
View Articleमनुस्मृति की नारी...कठगणराज्य की राजकुमारी "कार्विका "
तत"यत्र नारियस्य पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता"---- (मनुस्मृति)भारतीय काल गणना के अनुसार वेदों का प्रादुर्भाव व सृष्टि का निर्माण एक अरब छानबे करोड़ आठ लाख वर्ष पूर्व हुआ था। उसके पश्चात महर्षि मनु ने...
View Articleविभाजन की विभीषिका और नेहरु का मुस्लिम प्रेम
नेहरू का संस्कारवास्तविकता यह है कि नेहरु के अंदर राष्ट्रीयता नाम की कोई चीज नहीं था और उन्हें इसका ज्ञान भी नहीं था लेकिन उसमें उनका दोष इतना ही है कि वे कांग्रेस में पले बढ़े और वही संस्कार भी उन्हें...
View Articleदेश विभाजन और सरदार पटेल
सरदार पटेल गाँधी के शिष्य होने के कारण उनका भी संस्कार पहले मुस्लिम तुष्टिकरण का ही था, पटेल ने भी देश विभाजन के विषय पर कहा कि हम लोग बूढ़े हो गए थे, थक गए थे, इस कारण हमने देश विभाजन स्वीकार कर लिया।...
View Articleनेताजी सुभाषचंद्र बोस--- यदि वापस आते तो--?
यदि सुभाष वापस आते तो--!नेताजी सुभाषचंद्र बोस की लोकप्रियता दिन-दूनी रात-चौगुनी बढ़ रही थी नेताजी निरपेक्ष भाव से राष्ट्र हित में निर्णय ले रहे थे गाँधीवादी बहुत परेशान थे उन्हें लग रहा था कि...
View Articleधर्म के लिए भाई दयाला, मतीदास एवं सतिदास का बलिदान
10 नवंबर / बलिदान दिवसकश्मीरी पंडितों की गुहारमुगलों से संघर्ष चल रहा था कश्मीरी पंडित बहुत परेशान थे धर्म बचाने हेतु उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था उस समय उन लोगों को एक आशा की किरण गुरु तेगबहादुर ही...
View Articleसावरकर का सच...!
इतिहास में छुपाया गया एक सच ...वीर सावरकर !45 साल के महात्मा गाँधी 1915 में भारत आते हैं, 2 दशक से भी ज्यादा दक्षिण अफ्रीका में बिता कर ! गांधी अफ्रीका क्या करने गए थे ? आजादी की लड़ाई के लिए अथवा देश...
View Articleजब शिवाजी महाराज ने अफजल खान का वध किया..!
" 20 नवम्बर, 1659 ई. - अफजल खां का वध"अफजल खान की सौगंध अफजल खां बीजापुर सल्तनत आदिलशाही का एक सेनापति था, उसने बीजापुर रियासत के दक्षिणी भाग के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह शिवाजी महाराज...
View Articleजनजाति समाज-हिंदू संस्कृति की कुंजी
जनजाति और सनातन धर्म कौन हैं जनजाति--?जाति और जनजाति मानसिकता भारतीय मानसिकता न होकर औपनिवेशिक मानसिकता है जिसके जाल में भारतीय समाज फंस गया है, हमें इस चक्रव्यूह से बाहर निकलने की आवश्यकता है।...
View Articleअमर क्रांतिवीर स्वतंत्रता सेनानी नीलांबर-पीतांबर
स्वतंत्रता की आवाज1857 को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहना कहीं अतिसंयोक्ति तो नहीं है! क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता का युद्ध तो राजा दाहिर की पराजय से शुरू हो गया था, भारत के अधिकांश राजाओं ने अपने...
View Articleनेताजी सुभाषचंद्र बोस--- यदि वापस आते तो--?
यदि सुभाष वापस आते तो--!नेताजी सुभाषचंद्र बोस की लोकप्रियता दिन-दूनी रात-चौगुनी बढ़ रही थी नेताजी निरपेक्ष भाव से राष्ट्र हित में निर्णय ले रहे थे गाँधीवादी बहुत परेशान थे उन्हें लग रहा था कि...
View Articleअमर क्रांतिवीर स्वतंत्रता सेनानी नीलांबर-पीतांबर
स्वतंत्रता की आवाज1857 को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहना कहीं अतिसंयोक्ति तो नहीं है! क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता का युद्ध तो राजा दाहिर की पराजय से शुरू हो गया था, भारत के अधिकांश राजाओं ने अपने...
View Articleविभाजन की विभीषिका और नेहरु का मुस्लिम प्रेम
नेहरू का संस्कारवास्तविकता यह है कि नेहरु के अंदर राष्ट्रीयता नाम की कोई चीज नहीं था और उन्हें इसका ज्ञान भी नहीं था लेकिन उसमें उनका दोष इतना ही है कि वे कांग्रेस में पले बढ़े और वही संस्कार भी उन्हें...
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