अमर क्रांतिवीर स्वतंत्रता सेनानी नीलांबर-पीतांबर
स्वतंत्रता की आवाज1857 को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहना कहीं अतिसंयोक्ति तो नहीं है! क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता का युद्ध तो राजा दाहिर की पराजय से शुरू हो गया था, भारत के अधिकांश राजाओं ने अपने...
View Articleविभाजन की विभीषिका और सरदार पटेल
सरदार पटेल गाँधी के शिष्य होने के कारण उनका भी संस्कार पहले मुस्लिम तुष्टिकरण का ही था, पटेल ने भी देश विभाजन के विषय पर कहा कि हम लोग बूढ़े हो गए थे, थक गए थे, इस कारण हमने देश विभाजन स्वीकार कर लिया।...
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स्वतंत्रता की आवाज1857 को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहना कहीं अतिसंयोक्ति तो नहीं है! क्योंकि भारतीय स्वतंत्रता का युद्ध तो राजा दाहिर की पराजय से शुरू हो गया था, भारत के अधिकांश राजाओं ने अपने...
View Articleसावरकर का सच...!
इतिहास में छुपाया गया एक सच ...वीर सावरकर !45 साल के महात्मा गाँधी 1915 में भारत आते हैं, 2 दशक से भी ज्यादा दक्षिण अफ्रीका में बिता कर ! गांधी अफ्रीका क्या करने गए थे ? आजादी की लड़ाई के लिए अथवा देश...
View Articleजनजाति समाज-हिंदू संस्कृति की कुंजी
जनजाति और सनातन धर्म कौन हैं जनजाति--?जाति और जनजाति मानसिकता भारतीय मानसिकता न होकर औपनिवेशिक मानसिकता है जिसके जाल में भारतीय समाज फंस गया है, हमें इस चक्रव्यूह से बाहर निकलने की आवश्यकता है।...
View Articleहिंदू धर्म में जगद्गुरुओं की परंपरा और उनके कर्तव्य।
महाभारत के पूर्व का वैदिक कालगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है अधर्म बढ़ता है तब-तब मैं आता हूँ और वे आये भी! कभी आदि शंकर के रूप मे तो कभी रामानुज, कभी रामानंद तो कभी ऋषि...
View Articleमहान हिंदू साम्राज्य (खालसा) के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह
18 साल की उम्र में लाहौर जीतने वाले महाराजा रणजीत सिंह की कहानीजब भी देश के इतिहास में महान राजाओं के बारे में बात होगी तो शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह का नाम इसमें जरूर आएगा। महाराजा रणजीत सिंह ने...
View Articleविश्व में अद्वितीय इतिहास का पन्ना "हांड़ी रानी "
"विश्व_इतिहास में एकलौता उदाहरण""हाड़ी-रानी"राजकुमारी रूपकुंवर का महाराणा राजसिंह को पत्र "सिसोदिया कुलभूषण, क्षत्रिय शिरोमणि महाराणा राजसिंह को रूपनगर की राजकुमारी का प्रणाम। महाराज को विदित हो कि...
View Articleशिवाजी की योजना औरंगजेब के वध की थी इसलिए वे आगरा गए !
छत्रपति शिवाजी की जयंतीपर विशेषशिवाजी महाराज को औरंगजेब की कैद से मुक्त करवाने में वीरवर दुर्गादास राठौड़ व आमेर नरेश जयसिंह जी की भूमिका।वीर दुर्गादास राठौड़ शिवाजी की महाराष्ट्र में रहते हुए पूर्ण...
View Articleमुगल-जबड़ों से निकाला हिंदूराज्य छत्रसाल ने
महाराजा छत्रसाल इतिहास में ऐसे कई नाम हैं जिनकी गौरव गाथा को वह स्थान नहीं मिला जिसके वे हकदार हैं। ऐसे नामों में सबसे प्रमुख एक नाम बुंदेल केसरी महाराजा छत्रसाल का भी है। भारतीय इतिहासकारों ने...
View Articleमुगलों को बार-बार पराजित करने वाले आहोम सेनापति "लचित वरफुकन"
अपराजित आहोम असम को प्राचीन काल में "कामरूप"या "प्राग्यज्योतिशपुर"के रूप में जाना जाता था। इसकी राजधानी आधुनिक गुवाहाटी हुआ करती थी। इस साम्राज्य के अंतर्गत असम की ब्रह्मपुत्र वैली, रंगपुर, बंगाल का...
View Articleहिंदू सम्राट महाराजा सुहेलदेव
महाराजा सुहेलदेवराजा सुहेलदेव के बारे मे बड़ी भ्रान्तियाँ हैं लेकिन स्थानीय कीवदन्तियां बहुत प्रकार की है जितनी जातियाँ उतने प्रकार लोग सभी उन्हें अपनी जाति का बताने में लगे रहते हैं। उन्हें वैश्य...
View Articleतानाजीराव मालसुरे "गढ़ आला पड़ सिंह गैला"
कोणाना दुर्ग पर हरा झंडा और माता जीजा बाई तानाजीराव का जन्म 17वीं शताब्दी में महाराष्ट्र के कोंकण प्रान्त में महाड के पास 'उमरथे'में हुआ था। वे बचपन से छत्रपति शिवाजी के साथी थे। ताना जी और शिवा जी...
View Articleस्वत्व स्वाभिमानी स्वतंत्रता सेनानी "जतरा उरांव" (टानाभगत )
टाना भगत अर्थात जतरा उरांव किसकी विरासतटाना भगत का मूल नाम जतरा उरांव था, भगवान विरसा मुंडा के बलिदान के पश्चात लगभग13 वर्षों के बाद इस आंदोलन को नई धार दिया जतरा उरांव ने, आंदोलन इतना प्रखर था कि उस...
View Articleआचार्य कुमारिल की आत्मा
कुमारिल का समय कुमारिल शंकराचार्य जी के समकालीन हैं इसका मतलब है कि कोई 2500 वर्ष पूर्व कुमारिल का जन्म हुआ था, वह एक ऐसा काल था कि भारतवर्ष के अंदर सनातन वैदिक धर्म का ह्रास होता दिख रहा था और बौद्ध...
View Articleस्वत्व स्वाभिमानी स्वतंत्रता सेनानी "जतरा उरांव"उपाख्य टानाभगत।
टाना भगत अर्थात जतरा उरांव किसकी विरासतटाना भगत का मूल नाम जतरा उरांव था, भगवान विरसा मुंडा के बलिदान के पश्चात लगभग13 वर्षों के बाद इस आंदोलन को नई धार दिया जतरा उरांव ने, आंदोलन इतना प्रखर था कि उस...
View Articleबाबू जगजीवन राम एक राष्ट्रवादी चरित्र
बाबू जगजीवनराम और सामाजिक समरसता।हिन्दू समाज के निर्धन और वंचित वर्ग के जिन लोगों ने उपेक्षा सहकर भी अपना मनोबल ऊंचा रखा, उनमें ग्राम चन्दवा (बिहार) में पांच अप्रैल, 1906 को जन्मे बाबू जगजीवनराम का...
View Articleमेवाड़ का एक और स्वामिभक्त घोड़ा "शुभ्रक"
सत्य इतिहास दिल्ली सल्तनत में गुलाम वंश के पहले शासक कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु दौड़ते हुए घोड़े से गिरने के कारण हुई थी। लेकिन क्या यह सच में संभव है कि एक सेनापति जिसने 11 साल की उम्र में पहली बार...
View Articleधर्मवीर बालक वीर हकीकत राय
धर्म वीर वीर हकीकत रायपंजाब के सियालकोट (जो आज के पाकिस्तान) में एक बालक का जन्म 1719 में हुआ जिसका नाम हकीकत राय था पढ़ने में बड़ा मेधावी छात्र था। बचपन में ही रामायण- महाभारत व अन्य धार्मिक ग्रंथों का...
View Articleबिना स्वराज्य के स्वधर्म का पालन संभव नहीं --!
''बिना स्वराज्य के स्वधर्म का पालन नहीं हो सकता''उसके कई उदाहरण है वीर हकीकत राय अपने धर्म का अपमान नहीं सह सकने के कारण मौत को स्वीकार करना पड़ा। सिख गुरुओं व गुरू गोविंद सिंह का बलिदान इसी बात का...
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