वोट न देने का परिणाम
मतदान का महत्व और शत्रु की पहचानदेश बंटवारे की मुहीम चल रही थी जिन्ना पाकिस्तान निश्चित तौर पर बनाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की राग अलाप रही थी। वैसे हिंदू समाज कांग्रेस को अपनी पार्टी...
View Articleवास्कोडिगामा की असलियत
भारतीय इतिहास में वास्कोडिगामा के चरित्र के बारे में ये बातें हमें नहीं बताई गई हैं... 500 साल पुरानी बात है, भारत के दक्षिणी तट पर एक राजा के दरबार में एक यूरोपियन आया था। मई का महीना था, मौसम गर्म...
View Articleरामानुजाचार्य जिन्होंने नरक को भी स्वीकार किया
रामानुजाचार्यभारतीय संस्कृति में संत परंपरा भारतीय समाज को हमेशा सचेत सजग और चैतन्य करते रहने की परंपरा का नाम है। हमारे संत ऋषि मुनि केवल आध्यात्मिक ऊँचाई तक सीमित नहीं थे बल्कि उनका मानना था कि बिना...
View Articleस्वराज्य और स्वधर्म
स्वराज्य और स्वधर्म धर्म हेतु मरें, मरते हुए सारे को मारें, मारते -मारते जीतें, राज्य अपना। --- स्वामी रामदास प्रत्येक क्रांति की...
View Article1857 स्वतंत्रता संग्राम के सेनापति श्रीमंत नाना साहब पेशवा
नाना का जन्म भारतीय वांगमय में कुछ महापुरुष स्वराज्य के लिए स्वयं को समर्पित करने वाले होते हैं उनमे से एक थे श्रीमंत नाना साहब पेशवा जिसके साथ इतिहास ने बड़ा अन्याय किया है। महाराष्ट्र की पुण्यभूमि...
View Articleस्वातंत्र्य वीर सावरकर
भारत में युग पुरुष कभी - कभी पैदा होते हैं उसमे से एक थे विनायक दामोदर सावरकर। सावरकर देश की धड़कन हैं, सावरकर देश की तड़पन हैं सावरकर क्रांतिकारियों की नर्सरी हैं सावरकर पुनर्जन्म की बात...
View Articleजिहाद ---- मुंशी प्रेमचंद
जिहादबहुत कम लोग जानते होंगे कि साहित्य सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने "जेहाद"नाम की एक कहानी भी लिखी थी।जिसे हमारे सेकुलर प्रकाशकों ने पुस्तकों से लगभग गायब ही कर दिया।कहानी में मुंशी...
View Articleआखिर पश्चिम के वैज्ञानिक सत्रहवीं शताब्दी में ही क्यों पैदा हुए ?
पंडित श्यामजी कृष्ण वर्मा पंडित श्यामजी कृष्ण वर्मा आर्य समाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती के प्रथम शिष्य थे यानी लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय उनसे जूनियर थे। श्यामजी कृष्णा वर्मा इंग्लैंण्ड में...
View Articleजोधा....अकबर...? वामियो द्वारा प्रायोजित।
झूठी कहानी "जोधा अकबर"की कहानी झूठी निकली, सैकड़ो सालों से प्रचारित झूठ का खण्डन हुआ। अकबर की शादी "हरकू बाई"से हुई थी, जो मान सिंह की दासी थी - जयपुर के रिकॉर्ड से लिया गया।पुरातत्व विभाग भी यही मानता...
View Articleअपराजेय हिंदू राष्ट्र ---!
अपराजेय हिंदूराष्ट्र सन 1857 की क्रांति की असफलता के दोषी वै लोग हैं जिन्होंने अपनी अलस्य और प्रमाद तथा स्वार्थपरता और विश्वासघात से इस पर मर्मान्तक प्रहार किये। उन महान वीरों को इसकी सफलता के लिए...
View Articleयवनान्तक सम्राट पुष्यमित्र शुंग (मनुस्मृति सम्राट )
9मौर्य साम्राज्य की संकल्पना सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का देहांत ईसा पूर्व 298 में हुआ था। तत्पश्चात उसका पुत्र बिंदुसार राज सिंहासन पर बैठा। वह भी चद्रगुप्त के सामान ही पराक्रमी था, उसने स्वयं...
View Articleबांग्लादेश में हिंदू नर संहार....!
आखिर हिंदू जाये तो जाये कहाँ --?हिन्दुओं की सबसे बड़ी पराजय उस समय हुई जब 15अगस्त 1947 को धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ। पश्चिम के लुटेरे जो धर्म का चोला पहनकर भारत में आये सीधा साधा हिंदू समाज...
View Articleदेश में अराजकता फैलाने का प्रयास...!
भारत के खिलाफ षड़यंत्र "कहा जाता है कि इसरायल दुश्मनो से घिरा हुआ है तो भारत दुश्मनों से भरा हुआ है।"भारत ने लगभग एक हजार वर्ष संघर्ष करके अपने अस्तित्व को बचाकर रखा हुआ है। यदि भारत अपने दुर्भाग्य को...
View Articleहिन्दवी साम्राज्य की प्रेरक राजमाता जीजाबाई (मनुस्मृति की नारी )
माता जीजाबाईहोनहार विरवान के होत चीकने पात !महाराष्ट्र के एक गांव में एक सात वर्ष की बालिका कुछ अपने गांव के बच्चों के साथ खेल रही थी जिसका जन्म १२ जनवरी १५९८ को''जिजाऊ महल'''अहमद नगर सल्तनत' में तभी...
View Articleकांग्रेस का आजादी में नहीं ! देश विभाजन में योगदान।
कांग्रेस और देश विभाजन बिना स्वराज्य के स्वधर्म का पालन नहीं देश आजादी का एक मंत्र था "बिना स्वराज्य के स्वधर्म का पालन नहीं किया जा सकता।"यह मंत्र कोई नया नहीं था यही मंत्र लेकर कोई ढाई हजार वर्ष...
View Articleएक और दधीचि परंपरा का अंत (मा ओमप्रकाश गर्ग )
एक और दधीचि परंपरा का अंत मै गोरखपुर में विभाग प्रचारक था मार्च 1999 की प्रतिनिधि सभा लखनऊ में थी, जहाँ मेरी योजना नेपाल अधिराज्य के लिए हो गई। मैं मई के अंतिम सप्ताह में काठमांडू पंहुचा वैसे तो मा...
View Articleजातीय व्यवस्था, अंग्रेज और मनुस्मृति
प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक धर्मपाल एक प्रश्न के उत्तर में कहते हैं कि गावों की तरह जातियाँ भी भारतीय समाज का अभिन्न अंग है। यह सच है कि "मनुस्मृति "के अनुसार समाज किसी निश्चित समय पर चार वर्णों में...
View Articleऐसे होती है गौसेवा --"चाकुलिया गौशाला"जमशेदपुर, झारखण्ड
गोशाला ध्यान फाउंडेशन भारतीय संस्कृति और भारत जब हम किसी देश की बात करते हैं तो उसकी सुरक्षा उसके विकास की भी बात होती है तब हमें ध्यान में आता है कि बिना संस्कृति और बिना धर्म की सुरक्षा के देश की...
View Articleफिसलता झारखंड
चर्चं व घुसपैठियों चंगुल में फंसता झारखण्ड झारखण्ड की हालत बद से बदतर होती जा रही है यदि किसी देश को समाप्त करना हो तो सर्व प्रथम उस देश की संस्कृति को समाप्त करना होता है। फिर यदि किसी देश पर कब्ज़ा...
View Articleकांग्रेस उपनिवेशवादी पार्टी अथवा ईसाईयत-इस्लामिक ?
कांग्रेस की स्थापना कांग्रेस को समझने के लिए सर्व प्रथम कांग्रेस के इतिहास को समझना होगा। कांग्रेस की स्थापना क्यों हुई और इसकी आवस्यकता क्या थी ? अब हमें भारतीय राजाओं, साधू संतों की एकता और उनके...
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